हम चीजों को उठाने, पकड़ने व ले जाने आदि कार्यों के लिए हाथ का प्रयोग करते है.

लेकिन, यही काम आपको Computer पर करना हो तो आप कैसे करेंगे? क्योंकि Computer के पास तो हाथ नहीं होते. फिर यह कैसे कार्य होगा? चलिए आपको बताते है.

दरअसल, Computer के पास भी इन सभी कार्यों के लिए हाथ नहीं होते है.

माउस क्या होता है और माउस के कार्य? | Mouse in Hindi

कंप्यूटर के हाथ को आप Mouse के नाम से जानते है. तो आइए जानते है कि यह माउस क्या है? और माउस का प्रयोग कैसे किया जाता है? | Mouse in Hindi


माउस क्या है – What is Mouse in Hindi?

माउस एक Input Device है, जिसका वास्तविक नाम Pointing डिवाइस है. इसका प्रयोग मुख्यत: कम्प्यूटर की स्क्रीन पर Items को चुनने, उनकी तरफ जाने तथा खोलने व बदं करने में किया जाता है. माउस के द्वारा यूजर Computer को निर्देश देता है. इसके द्वारा यूजर Computer की स्क्रीन पर कहीं पर भी पहुँच सकता है.

1st Mouse Invented by Douglas C. Engelburt,image of computer monitor

दुनिया का प्रथम माउस जिसे खुद डगलस सी. एंगलबर्ट ने स्वयंम हाथों में पकडा हुआ है.

कम्प्यूटर के माउस का आविष्कार एक द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) सैनिक Douglas C. Engelbart ने वर्ष 1968 में किया था.

कम्प्यूटर के माउस आमतौर पर वास्तविक माउस की तरह ही नजर आते है. यह छोटा व आयताकार होता है, जो एक Cable के द्वारा कम्प्यूटर से जुड़ा हुआ होता है. यह कुछ इस तरह का होता है.

Computer Mouse with Parts Name,image of computer monitor

एक कम्प्यूटर माउस और उसके बटन

एक Mouse में आमतौर पर 3 बटन होते है, जिन्हें ऊपर चित्र में देखा जा सकता है.

पहला तथा दूसरा बटन क्रमश: Primary Button या Left Button तथा Secondary Button या Right Button के नाम से जाने जाते है.

इन्हें आम भाषा में Right ClickLeft Click कहते है. और तीसरे बटन को Scroll Wheel व चकरी भी कहते है. आधुनिक Mouse में तो अब तीन से अधिक बटन आने लगे है, जिनका अलग-अलग कार्य होते है.


माउस का पूरा नाम क्या है? | Full Form of Mouse in Hindi

माउस का पूरा नाम इस प्रकार होता है- Manually Operated Utility For Selecting Equipment.

माउस का पूरा नाम हिंदी में प्रकार से होता है- “उपकरण को चयन करने के लिए मैन्युअल रूप से संचालित उपयोगिता“.


कम्प्यूटर माउस के प्रकार – Type of Mouse in Hindi

Mouse ने अपना सफर कई चरणों में सम्पूर्ण किया है. इस दौरान इसके कई विभिन्न रुप विकसित किए गए. जिन्हे हम मुख्यत: 5 प्रकार में बांट सकते है.

☑ Wireless Mouse

☑ Trackball Mouse

☑ Stylus Mouse

☑ Mechanical Mouse

☑ Optical Mouse


☑ Wireless Mouse

बिना तार के माउस Wireless Mouse कहते है. इसे Cordless Mouse भी कहा जाता है. यह माउस Radiofrequency तकनीक पर आधारित होती है. मगर इसकी बनावट Optical Mouse की तरह ही होती है.

इसलिए इसका प्रयोग करने के लिए एक Transmitter तथा Receiver की आवश्यकता होती है. Transmitter तो Mouse में ही बना होता है. और रिसीवर को अलग से तैयार जाता है. जिसे Computer में लगाया जाता हैं.

इस Mouse को चलाने के लिए बैटरी की आवश्यकता होती है. इसलिए हमे अलग से एक छोटी बैटरी भी खरीदनी पडती है.

☑ Trackball Mouse

इस Mouse की बनावट भी कुछ Optical Mouse की तरह ही होती हैं. मगर इसमें नियंत्रण के लिए Trackball का प्रयोग होता हैं.

Computer को निर्देश देने के लिए यूजर को अपनी अगुँली या अगुँठे की सहायता से बॉल को घुमाना पडता हैं. यह Mouse हमें अधिक नियंत्रण नही देता है. और इसे चलाने में वक्त भी लगता है.

☑ Stylus Mouse

इस तरह के Mouse को gStick Mouse भी कहते है. क्योंकि Stylus माउस का आविष्कार गोर्डन स्टेवर्ट ने किया था. इसलिए gStick में ‘g’ का अर्थ Gordan होता है.

देखिए gStick माउस कैसे काम करता है.


यह माउस एक पेन की तरह नजर आता है. जिस में एक पहिया भी होता है. इस पहिया को ऊपर-नीचे हिलाया जा सकता है. इसका प्रयोग ज्यादातर Touchscreen डिवाइस के लिए किया जाता है.

☑ Mechanical Mouse

इस Mouse का आविष्कार वर्ष 1972 में Bill English ने किया था. Mechanical Mouse निर्देशों के लिए एक बॉल का प्रयोग करता था. इसलिए इसे Ball Mouse भी कहते हैं.

इस बॉल को दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे आसानी से घुमाया जा सकता था.

☑ Optical Mouse

इस Mouse में LED – Light Emitting Diode तथा DSP – Digital Signal Processing तकनीक पर काम करता है. Optical Mouse में कोई भी बॉल नहीं होती हैं. इसकी स्थान पर एक छोटा-सा बल्ब लगा होता है.

इसलिए Mouse को हिलाने पर पॉइंटर हलचल करता है. तथा इसमे मौजूद बटन के द्वारा हम Computer को निर्देश देते है. आजकल इसी तरह के माउस का प्रयोग होता है.

इन्हे एक तार के द्वारा Computer से जोडा जाता है. जो इसे बिजली की जरूरत पूरा भी करती है. Optical Mouse प्रयोग में सरल होते है.


Mouse Pointer/Cursor के रूप और उनका अर्थ

अब, हम माउस से परिचित हो चुके है. लेकिन क्या एक बात आपने कभी सोची है कि हम माउस को कम्प्यूटर की स्क्रीन पर कैसे पहचानते है?

चलो, इसे बारे में जानने कि कोशिश करते है.

माउस एक Pointer डिवाइस है, इसके बारे में आप पहले ही जान चुके है. अपने नाम के मुताबिक माउस कम्प्यूटर की स्क्रीन पर Item की तरफ पॉइंट करने के लित कुछ आकृतियों का प्रयोग करता है, जिन्हें Mouse Pointer कहते है.

Mouse Pointer को आप Cursor के नाम से भी जाना जाता है. यह कम्प्यूटर की स्क्रीन पर अपनी Position के हिसाब से अपना रूप भी बदलते रहते है. Pointer किस स्थिति में अपना कैसा रुप बदलते है, इसे नीचे सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

भिन्न प्रकार के माउस करसर व उनकी आकृति

Mouse द्वारा किए जाने वाले कार्य – Functions of Mouse in Hindi

माउस एक बहुक्रियात्मक उपकरण है, जिसकी मदद से कई कार्य किये जा सकते है. माउस का प्रयोग कम्प्युटर की स्क्रीन पर Items को उठाने, पकड़ने, रखने आदि के लिए ज्यादातर किया जाता है.

लेकिन, ये सभी कार्य किये कैसे जाते है? इन्हे करने के लिए माउस कुछ काम करता है. ये काम क्या है? इन्हे कैसे किया जा सकता है? आइए, जानते है.

1. Pointing

जब Cursor को कम्प्यूटर की स्क्रीन पर उपलब्ध किसी Item की ओर ले जाया जाता है, और Pointer उस Item को छूता है तो एक बॉक्स दिखाई देता है. जो हमे उस आईटम के बारे में जानकारी देता है.

इस पूर्ण क्रिया को Pointing कहते है. इस क्रिया को Hovering भी कहा जाता है.

2. Selecting

कम्प्यूटर की स्क्रीन पर किसी Item पर Pointing करने के बाद माउस के Left Button को एक बार दबाने पर वह Item Select हो जाता है. इसे ही Selecting कहते है.

जब कोई भी Item Select होती है तो उसके चारो ओर एक वर्ग होता है, जिससे पता चलता है कि यह Item Select किया हुआ है या नहीं.

3. Clicking

माउस Button को दबाने कि क्रिया को क्लिक कहते है. क्लिक करने के लिए किसी भी माउस button को दबाइए और उसे छोड़ दीजिए. क्लिक 2 तरह की होती है .

1. Left Click: माउस के Left बटन को दबाने को Left Click कहते है. इसके निम्नलिखित प्रकार हैं.

Single ClickSingle Click – माउस के left बटन को एक बार दबाना और उसे छोड़ देना को ही Single Click कहते है. Single Click के द्वारा किसी Item को चुनाव करना, मेनू को खोलना, किसी वेबपेज पर उपलब्ध लिंक को खोलना आदि काम किए जाते है.

Double Click – माउस के left बटन को एक साथ दो बार जल्दी से दबाने पर Double Click कहलाता है. Double Click एक तरह से Shortcut कि तरह काम करती है. इसके द्वारा किसी भी Item, फाइल, प्रोगाम आदि को खोला जा सकता है. इसके अलावा किसी दस्तावेज में कोई भी शब्द का चुनाव करने के लिए भी double click का प्रयोग किया जाता है.

Triple Click – माउस के left button को एक साथ तीन बार जल्दी से दबाना ही  Triple Click कहलाती है. Triple Click का यूज बहुत ही कम किया जाता है. इसके द्वारा किसी फाइल में पूरे Paragraph को select किया जा सकता है.

2. Right Click: माउस के Right button को दबाना ही Right Click कहलाता है. किसी Item पर Right Click करने से उस Item के साथ किये जा सकने वाले कामों कि एक लिस्ट खुलती है.

4. Dragging and Dropping-

माउस के द्वारा कम्प्यूटर की स्क्रीन पर उपलब्ध किसी भी item को एक स्थान से दूसरे स्थान पर रखा जा सकता है. इसके लिए माउस की Dragging and Dropping क्रिया का प्रयोग किया जाता है.

Mouse पॉइंटर के द्वारा किसी item का चुनाव करने के लिए left बटन को उस item पर दबाएं रखे और उस item को उसके वांछित स्थान तक खींच कर ले जाए और बटन को छोड़ दे. इस संपूर्ण काम (खींचना और छोड़ना) को Dragging and Dropping कहते है.

5. Scrolling

माउस Wheel द्वारा किसी Document, वेबपेज को ऊपर-नीचे सरकाने को Scrolling कहते है. ऊपर की ओर सरकाने के लिए Wheel को अपनी ओर घुमाना पड़ता है और नीचे की तरफ सरकाने के लिए बाहर की ओर घुमाना पड़ता है.


माउस Interface के प्रकार

वक्त के साथ-साथ माउस के कई अलग-अलग interfaces भी तैयार हुए जैसे जैसे टेक्नोलॉजी ओर अधिक एडवांस हुई. यहाँ पर में आप सभी को कुछ ऐसे ही interfaces के बारे में बताने देने जा रहा हूँ :

Serial Mouse

ये इस लिस्ट का बहुत ही पुराने प्रकार का माउस है जो अभी ओर काम में नहीं आ रहा है, लेकिन आप सरकारी दफ्तरों में इसे कुछ मशीन में देख सकते हैं.

इसमें एक serial कनेक्टर होता है और इसे PC के साथ जुड़ने के लिए फ्री serial पोर्ट चाहिए होता है.

ये corded प्रकार का माउस होता है और ये स्वयं को नियंत्रित करने के लिए पावर serial पोर्ट से लेता है.

ये serial mouse को cold-pluggable के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है की कंप्यूटर के साथ तभी कनेक्ट करना चाहिए जब कंप्यूटर switched off स्थिति में हो.

PS/2 Mouse

ये PS/2 mouse, serial mouse का ऊपरी वर्जन है. इनके आने से लोग अधिक इन्ही की ओर आकर्षित होते हैं. इन्हें अभी के समय में भी ख़रीदा जा सकता है क्यूंकि अभी के समय में भी बहुत सारे मदरबोर्ड उत्पादक PS/2 port उपलब्ध कर रहे हैं.

ये PS/2 कनेक्ट circular होती है और इस में 6 पीन होती हैं, इनकी डिजाइन के कारण इन्हें केवल सही तरीके से ही पोर्ट के साथ जोड़ कर insert किया जाता है. PS/2 माइस भी cold-pluggable होते हैं.

USB Mouse

यदि हम अभी के समय की बात करें तो आज हम USB इंटरफेस वाले माउस का प्रयोग करते हैं जिससे की फ्री USB पोर्ट चाहिए. ये cordless/wireless होते हैं. ये Serial और PS/2 के काउंटर पार्ट में hotpluggable होते हैं.

इसका अर्थ है की आप इन्हें कंप्यूटर के running condition में भी प्रयोग कर सकते हैं, यहाँ न इस माउस को या फिर कंप्यूटर को कोई खतरा होता है.

वायरलेस माउस

Cordless या wireless mice data को transmit के द्वारा infrared radiation या radio के माध्यम से करती है.

यहाँ पर receiver को कंप्यूटर के साथ कनेक्ट करने के लिए serial या USB port का प्रयोग किया जाता है, या फिर built in part जैसे की ब्लूटूथ का प्रयोग किया जाता है.

आजकल के मॉर्डन non-Bluetooth wireless mice USB receivers का प्रयोग करते हैं. जहाँ कुछ में इन्हें माउस के अंदर ही सुरक्षित स्टोर किया जा सकता है वहीँ कहीं-कहीं “nano” रिसिवर भी होते हैं, जिन्हें कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाता है जो की इतने छोटे होते हैं की वो आपके लेपटॉप या सिस्टम में हमेशा कनेक्ट हुए होते हैं.

ये बहुत ही लेटेस्ट प्रकार के माउस हैं जिन्हें की केबल की आवश्यकता नहीं होती है कनेक्ट होने के लिए.

जहाँ कुछ wireless mouses को USB रिसिवर के द्वारा कनेक्ट किया जाता है वहीँ दुसरे को ब्लूटूथ कनेक्शन के जरिये से. इस तरह के माउस को बैटरी से पावर दिया जाता है जो की AA प्रकार के होते हैं.

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