मॉनिटर हमारे कंप्यूटर सिस्टम का एक ऐसा हिस्सा है जिसके बिना कंप्यूटर सिस्टम का कोई भी अर्थ नहीं बनता है, क्या आप जानते हैं कि कंप्यूटर मॉनिटर क्या है? (Monitor in Hindi) और इसका प्रयोग क्या होता है? मॉनिटर एक इलेक्ट्रॉनिक आउटपुट डिवाइस होता है जिसको वीडियो डिस्प्ले टर्मिनल के रूप मेें भी जानना जाता है। कंप्यूटर सिस्टम में इसकी बहुत अहम भूमिका होती है। अगर आप "Computer Monitor in Hindi" इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको कंप्यूटर मॉनिटर के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।
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माॅनिटर का चित्र




    मॉनिटर क्या होता है? (What is Monitor)

    मॉनिटर एक आउटपुट डिवाइस है जो सूचना को सचित्र के रूप में प्रदर्शित करता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक आउटपुट डिवाइस होता है। जिसको वीडियो डिस्प्ले टर्मिनल या वीडियो डिस्प्ले यूनिट के रूप में जाना जाता है। इसका प्रयोग कंप्यूटर के वीडियो कार्ड के माध्यम से जुड़े कंप्यूटर द्वारा उत्पन्न छवियों, वीडियो, पाठ और ग्राफिक्स जानकारी को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। यह एक Display Screen होती है जिसमें CPU की सभी जानकारी दिखाई देती है।


    Computer Monitor दिखने में लगभग टेलीविजन की तरह होता है, लेकिन इसका रेजॉल्यूशन टेलीविजन से ज्यादा और अच्छा होता है। सबसे पहला मॉनिटर 1 मार्च 1973 को पेश किया गया था जो एक साधारण मॉनिटर था लेकिन बाद में इसमें बहुत बदलाव हुए।

    जो पुराने समय के मॉनिटर्स हुआ करते थे वो Fluorescent Screen और Cathode Ray Tube की मदद से बनाए जाते थे। Cathode Ray Tube मॉनिटर के बारे में आपने सुना होगा उसे CTR Monitor भी कहा जाता है। हमारे जो पुराने टेलीविजन थे बड़े वाले वह भी Cathode Ray Tube से बनाये जाते थे जो की आकार में ज्यादा बड़े और वजन में ज्यादा भारी हुआ करते थे।

    लेकिन अभी के समय में सभी मॉनिटर्स फ्लैट-पैनल डिस्प्ले टेक्नोलॉजी से बनाए जाते हैं। इस टेक्नोलॉजी से बनाए हुए मॉनिटर आकार में छोटे होते हैं और इनका वजन भी CTR Monitor की तुलना में ज्यादा कम होता है।

    मॉनिटर का फुल फॉर्म क्या है?(Full Form of Monitor in Hindi)

    वैसे देखा जाए तो Monitor शब्द का अपना एक अर्थ होता है Monitor का अर्थ है ऐसा यंत्र जो प्रदर्शित करता है। इसके काफी प्रकार होते हैं।

    वैसे अगर हम ऐसी ही कहे तो इसका फुल फॉर्म भी होता है:
    M- Machine
    O- Output
    N- Number of
    I- Information
    T- To
    I- Organic
    R- Report

    मॉनिटर का आविष्कार किसने किया?

    Cathode Ray Monitor का आविष्कार कार्ल फर्डीनाड ब्राउन (Karl Ferdinand Braun) ने किया था। इसका आविष्कार उन्होंने सन् 1897 ईस्वी में किया था। जब उन्होंने प्रथम बार Cathode Ray Tube की रचना की थी। वो जर्मन के वैज्ञानिक थे।

    मॉनिटर के कार्य (Functions of Monitor in Hindi)

    Computer के प्रत्येक भाग का कुछ ना कुछ काम होता है। मॉनिटर एक Output डिवाइस है और Output डिवाइस का काम सुचना प्रदान करना होता है। इसलिए मॉनिटर का काम भी सुचना प्रदान करना ही होगा। लेकिन कुछ Output डिवाइस हार्ड कॉपी के रुप में सुचना प्रदान करते है। जैसे की Printer

    वहीं कुछ Output डिवाइस सोफ्ट काॅपी के रुप में सुचना प्रदान करते है। जैसे की मॉनिटर, मॉनिटर का काम सुचना को सोफ्ट काॅपी के रुप में प्रस्तुत करना होता है। Computer के सारे काम को मॉनिटर पर देख कर करते हैं। मॉनिटर के बिना Computer में क्या हो रहा यह हम देख नहीं देख सकते हैं।

    मॉनिटर कैसे काम करता है?

    मॉनिटर एक विसुअल आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर का बहुत ही अहम हिस्सा है। ये इमेज, पिक्चर और लिखे हुए शब्दों को वास्तविक समय में हमें प्रदर्शित करता है।

    जिसकी मदद से एक यूजर कंप्यूटर के साथ interact कर पाता है और अपनी इच्छा से किसी भी एप्लीकेशन को खोल पाता है और उस पर कार्य भी कर पाता है।

    दोस्तों आप नहीं जानते तो आज जान लेगी मॉनिटर का मुख्य function है display करना। इसलिए इसे कई नामों से भी जाना जाता है जैसे- Screen,visual unit, video screen इत्यादि।

    कंप्यूटर में एक video graphic card लगा हुआ होता हैं। यहीं graphic card जानकारी को convert कर के visual के रूप में इस डिवाइस में प्रदर्शित करता है।

    जब कोई भी डाटा हम इनपुट डिवाइस की मदद से इनपुट करते हैं तो वो CPU में सोचता है और वहां से process हो जानी के बाद उसे मॉनिटर में प्रदर्शित करने के लिए CPU भेज देता है।

    मॉनिटर की विशेषता (Features of Monitor in Hindi)

    आज आप नए मार्केट से गिरे हुए हैं जहां अक्सर आप मॉनिटर से जुड़े नए शब्द LCD,OLED,TN इत्यादि सुनते रहते होंगे।

    क्या आप dual मॉनिटर सेटअप सुनना चाहते हैं। इस तरह की कई तरह की विशेषताओं के आधार पर ही लोग अपने डिवाइस चुनते हैं। तो चलिए बता देते हैं की मॉनिटर की विशेषता:

    Monitor Size

    बड़ा है तो बेहतर है यह तो आपने अवश्य सुना होगा। अब ज्यादा अच्छे क्वालिटी के display Full HD(1920*1280) आकार में आते हैं।

    वह समय तेजी से पीछे छूट रहा है जब लोग 15 इंच के display में कार्य किया करते थे इसकी जगह बड़े आकार के display का प्रयोग होना शुरू हो चुका है।

    Display Resolution

    Display आकार बढ़ने के साथ जो ज्यादा अहम फीचर ये है की पिक्चर क्वालिटी होनी इसके लिए अब 4K range के डिवाइस मार्केट में तेजी से खेलने लगे हैं 27 इंच का 4K Ultra HD डिस्प्ले प्रयोग हो रहा है।

    Panel type, Viewing Angles

    अगर हम display की बात करें तो Panel type कई तरह के होते हैं:
    TN (Twisted nematic)
    IPS (In-Plane Switching)
    MVA (Multi-domain vertical arrangement)
    PVA (Patterned vertical arrangement)
    SPVA Super PVA काफी प्रसिद्ध है।

    Aspect ratio

    आज के समय से कुछ समय पहले तक 4:3 का Aspect ratio प्रयोग होता था। लेकिन अब वह पुराना समय गया आजकल ऐसे डिस्प्ले कोई पसंद नहीं करता।

    16:9 Aspect ratio वाले मॉनिटर ज्यादा आरामदायक होते हैं जिस पर कार्य करने में भी ज्यादा आनंद आता है।

    मॉनिटर्स के प्रकार (Types Of Monitor in Hindi)

     यहां हम जानेंगे कि इसके कितने प्रकार होते हैं और ये एक दूसरे से कैसे विभिन्न हैं तो चलिए जानते हैं।
    Types Of Monitor in Hindi

    1. Cathode Ray Tube Monitors

    CTR Monitor यह नाम इसमें प्रयोग होने वाली Cathode Ray Tube टेक्नोलॉजी से प्राप्त हुआ है। CTR टेक्नोलॉजी में स्क्रीन के ऊपर छवि बनाने में इलेक्ट्रॉनों की बीम का प्रयोग किया जाता है, जब CTR मॉनिटर को पावर दी जाती हैं तब इलेक्ट्रॉन बीम प्रत्येक बार स्क्रीन की सतह पर आते हैं और आप RGB colours का निर्माण होता है और इन्हीं 3 colours के मिश्रण से विभिन्न colours तैयार होते हैं। लेकिन Flat Panel Monitors ने अब CTR Monitor का स्थान ले लिया है।

    2. Flat Panel Monitor

    CRT तकनीक की जगह पर यह तकनीक विकसित हो गई है। जिसमें केमिकल व गैसों को एक प्लेट में रखकर इसका उपयोग Display ने किया जाता है। यह ज्यादा पतली स्क्रीन होती है। इसमें द्रवीय क्रिस्टल डिस्प्ले तकनीक उपयोग की जाती है। LCD में CRT तकनीक में कम स्पष्टता होती है। इसका प्रयोग लैपटॉप में किया जाता है।

    3. Touch Screen Monitors

    मॉनिटर्स यूजर को mouse या keyboard का प्रयोग करने के लिए उंगली या स्टाइलस का प्रयोग करके कंप्यूटर के साथ बातचीत करने में सक्षम बनाता है। इसलिए टच स्क्रीन डिस्प्ले वाले मॉनिटर्स को इनपुट डिवाइस भी कहा जाता है। जब यूजर टच स्क्रीन डिस्प्ले पर अपनी उंगली से टच करता है। तब यह टच स्क्रीन डिस्प्ले भी रेस्पॉन्स करके प्रोसेस करता है।

    टच स्क्रीन डिस्प्ले में यूजर के टच है इनपुट लिया जाता है और आउटपुट स्क्रीन पर दिखाया जाता है।
    भिन्न-भिन्न प्रकार के टच स्क्रीन मॉनिटर होते हैं जैसे:
    1. रेसिसि्टव टच स्क्रीन
    2. सरफेस वेव टच स्क्रीन
    3. कपैसिटिव टच स्क्रीन

    4. Liquid Crystal Display

    LCD में liquid crystal के रूप में जाना जाने वाला एक तरल पदार्थ होता है और इस पदार्थ के कणों को इस तरह से मिला दिया जाता है की प्रकाश स्क्रीन के बैकसाइट पर स्थित हो जाए जिस कारण स्क्रीन पर एक छवि या ब्लॉक तैयार होता है। इसे तकनीकी में CTR से कम पावर की आवश्यकता होती है और पिक्चर की क्वालिटी भी बहुत अच्छी होती है।

    5. LED Monitors 

    LED एक flat screen मॉनिटर होता है जिसका संपूर्ण नाम है light-Emitting Diode है। यह डिस्प्ले LED lights पर कार्य करता है लाखो छोटे-छोटे को आपस में मिलाकर LED स्क्रीन बनाता है और पावर सप्लाई दिए जाने पर यह सभी LED लाइट्स शुरू हो जाती हैं। जिनकी मदद से डिस्प्ले पर कोई भी इमेज डिस्प्ले होती है। LED स्क्रीन का प्रयोग आजकल सभी डिवाइस में किया जाता है।

    6. OLED Monitors

    यह एक नई प्रकार की flat light emitting display टेक्नोलॉजी है और LED से ज्यादा एडवांस है यह टेक्नोलॉजी LCD डिस्प्ले की तुलना में ज्यादा कुशल, उज्जवल और बेहतर है refresh रेट फीचर और कंट्रास्ट देती है। इस तकनीक में दो कंडक्टर्स के बीच में आर्गेनिक थीन फिल्म्स  को रखा जाता है। जिस कारण इसे backlight की आवश्यकता नहीं होती है और ज्यादा शानदार पिक्चर क्वालिटी देता है।

    7. Plasma Monitors

    Plasma टेक्नोलॉजी एक दूसरी latest टेक्नोलॉजी होती है display devices की। इसके पीछे की जो basic idea होती है। वो ये है की illuminate करती है छोटे colored fluorescent lights को जिससे छवि Pixel create होती है।

    इसमें इमेज को प्रोड्यूस करने के लिए तीन colours और गैस का प्रयोग किया जाता है। वो 3 कलर हैं red, blue,green और उनके साथ ही नोबल गैस xenon व neon को भी प्रयोग इमेज को produce करने में किया जाता है।

    मॉनिटर के Parts (Monitor Parts in Hindi)

    मॉनिटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। जो बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक पार्ट से जुड़कर बना हुआ होता है। जिसमें प्रत्येक भाग का अपना अलग काम होता है। ये कुछ प्रमुख्य Monitor Parts हैं:-

    LCD Screen:- 

    आजकल मॉनिटर में LCD Screen का प्रयोग अधिक होता है। जो की पतला व हल्का होता है।

    Layered Glass:-

     LCD मॉनिटर की Screen Glass की बहुत सारी Layer से बनी हुई होती है। जो स्क्रीन पर Light का हेर-फेर करती है।

    Laptop Stand:- 

    मॉनिटर को किसी Desk पर खड़ा रखने के लिए Laptop Stand का प्रयोग किया जाता है।

    Power Connector:-

     मॉनिटर में Power Connector होता है। जो विभिन्न Components में पावर Supply करता है और सभी को आपस में जोड़ कर रखता है।

    Interface Board:-

     मॉनिटर में एक Interface Board होता है। जो सभी काम पर नियंत्रण रखता है।

    Amplifier Circuit:-

     Amplifier Circuit वीडियो सिग्नल को बढ़ाने का काम करता है।

    मॉनिटर का इतिहास (History of Monitors in Hindi)

    मॉनिटर कंप्यूटर का एक अहम हिस्सा है। मॉनिटर को कंप्यूटर डिस्प्ले या विजुअल डिस्प्ले यूनिट के रूप में जाना जाता है आज के मॉनिटर का बहुत लंबा इतिहास है जो पहले समय के पर्सनल कंप्यूटर से लेकर आज तक के बड़े स्क्रीन वाले LCD तक फैला हुआ है

    चलिए मॉनिटर के इतिहास का वर्णन करता हूं जो बहुत ही दिलचस्प है सबसे पहले 1992 मी मॉनिटर में CRT तकनीक लागू की गई थी। लेकिन वाणिज्यिक संस्करण की शुरुआत 1954 में हो गई थी। यह टेक्नोलॉजी सन् 2000 तक से अब तक इस्तेमाल हो रही है।

    CRT में वेक्यूम ट्यूब का प्रयोग होता है जो एक तरफ से फाॅस्फोरस से लिफ्ट होता है, जब सभी इलेक्ट्रॉन उन पर फैलते हैं तो वे प्रकाश को उत्सर्जित करते हैं इस प्रकार के CRT Text रूप में ही आउटपुट उत्पन्न करते थे और वे रंगहीन भी थे।

    अंत में इसको LCD तकनीक में बदल दिया गया। आज जिस एलसीडी को हम इस्तेमाल करते हैं, उन्हें TN या और IPS जैसे दो भागों में विभाजित किया गया। IPS मॉडल TN डिस्प्ले मॉडल की तुलना में ज्यादा महंगे हैं।

    मॉनिटर कनेक्टर के प्रकार (Types Of Monitor Connector)

    मॉनिटर को कम्प्यूटर से Connect करने के लिए या कम्प्यूटर को मॉनिटर से Connect करने के लिए किसी एक Connectors की जरूरत होती है। इसलिए मॉनिटर में निम्नलिखित में से किसी एक Connector का होना आवश्यकता होता है। तो चलिए मॉनिटर के इन Connectors के बारे में जानते हैं।

    1. VGA

    VGA का पूरा नाम Video Graphics Array या Video Graphics Adapter होता है। इसे IBM ने वर्ष 1987 में विकसित किया था। सामान्यतः इसका प्रयोग कम्प्यूटर को मॉनिटर, Projector या TV से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है।

    2. Thunderbolt Cable

    Thunderbolt Cable एक प्रकार का हार्डवेयर Interface है। जिसका प्रयोग कम्प्यूटर को Mouse, Keyboard, Printer, Scanner आदि को कोनेक्ट करने के लिए किया जाता है।

    3. HDMI Cable

    HDMI का पूरा नाम High Definition Multimedia Interface होता है। यह एक प्रकार का केबल Connection है। जिसका प्रयोग सामान्यतः TV, Blu Ray Player व DVD Player के लिए होता है।

    4. DVI

    DVI का पूरा नाम Digital Visual Interface होता है। इसका प्रयोग TV में भी होता है। लेकिन ज्यादातर कम्प्यूटर मॉनिटर और Projector में होता है। DVI Connectors तीन प्रकार के होते हैं। जो अलग-2 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के लिए होता है।

    5. DisplayPort

    DisplayPort एक प्रकार डिजिटल Audio और Video Interface है। इसके द्वारा मॉनिटर, Projector या TV कनेक्ट किया जाता है। DisplayPort के दो आकार Standard और Mini DisplayPort में आते हैं।

    6. USB Cable

    USB का पूरा नाम Universal Serial Bus होता है। आजकल USB के कई प्रकार आ गये हैं। USB का प्रथम एडिशन 1996 में आया था। इसका प्रयोगयोग ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। जैसे; Keyboard, Mouse, Digital Camera, Printer, Scanner, Microphone, Pendrive, Mobile Charger आदि।

    टीवी और मॉनिटर में अंतर (TV VS Monitor in Hindi)

    कम्प्यूटर का स्क्रीन यानी मॉनिटर दिखने में TV जैसा ही होता है। लेकिन वास्तव में दोनो में काफी अंतर होता है। लोग टीवी को अक्सर कम्प्यूटर स्क्रीन के रुप में प्रयोग किया करते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि एक टीवी कम्प्यूटर के स्क्रीन के लिए बना ही नहीं है। 

    इसलिए यहाँ हमने टीवी और मॉनिटर के बीच अंतर स्पष्ट किया है। नीचे बताये गये बिंदुओं को पढ़कर आप टीवी और मॉनिटर में अंतर को समझ सकते हैं। 

    • टीवी बड़े-बड़े Size में आते हैं। जबकि एक मॉनिटर छोटे Size के होते हैं।

    • टीवी का Resolution मॉनिटर की तुलना में बहुत कम होता है। यानी मॉनिटर का Resolution उच्च होता है।

    • टीवी का Viewing Angle 160° होता है। जबकि मॉनिटर का Viewing Angle 110° होता है।

    • मॉनिटर की Pictures Quality टीवी की तुलना में अच्छा व स्पष्ट होता है।

    • मॉनिटर में टीवी की तुलना में ज्यादा Input Jack या Connectors होते हैं।

    • टीवी में Tuner और Speaker होता है। जबकि मॉनिटर में Tuner और Speaker नहीं होता है।

    • मॉनिटर का Refresh Rate TV की तुलना में बेहतर होता है।

    FAQ

    प्रश्न- मॉनिटर क्या है ?

    उत्तर- मॉनीटर एक Output Device होता है जो सूचना को चित्र के रूप में प्रदर्शित करता है.

    प्रश्न- मॉनिटर के कार्य क्या होता है ?

    उत्तर- कंप्यूटर मॉनिटर एक Output Device के रूप में प्रयोग किया जाता है, माॅनिटर के कार्य होते है CPU की इनफार्मेशन यूजर को चित्र के रूप में प्रदर्शित करता है.

    प्रश्न- मॉनिटर Input Device है या Output Device है ?

     उत्तर- मॉनिटर एक Output Device है.

    प्रश्न- मॉनिटर को क्या कहते हैं ?

    उत्तर- मॉनिटर एक Output Device है और इसे विजुअल डिस्प्ले यूनिट भी कहा जाता है.

    प्रश्न- Computer की स्क्रीन को क्या कहते हैं?

    उत्तर- Computer की स्क्रीन को मॉनिटर कहते है

    अंतिम शब्द

    दोस्तों आज के इस लेख में हमने देखा मॉनिटर क्या होती है: अर्थ, प्रकार, कार्य । Monitor in Hindi अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें और इस विषय को लेकर कोई भी प्रश्न है तो कमेंट करके जरूर पूछें।

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